Home Knowledge आंखों के भारीपन से हैं परेशान? जानें कारण और बचाव

आंखों के भारीपन से हैं परेशान? जानें कारण और बचाव

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आंखों के भारीपन से हैं परेशान? जानें कारण और बचाव
आंखें भारी होना पर घरेलू उपाय

आंखों में दर्द और भारीपन का उपचार

नमस्कार दोस्तों । फ्री सिंपलीफाइड इंफॉर्मेशन वेबसाइट में आप सभी का हम स्वागत करते हैं । आज हम आपको हमारे इस आर्टिकल में आंखों के भारीपन  क्यूँ होती है ओर उसके उपाय, ओर इससे जुड़ी जानकारी बताने वाले है. जब आपकी आंखों में भरीपण होता है, तो आपको आंखे थकी हुई मेहसुस होती हैं। कभी कभी लंबे समय तक स्क्रीन को पढ़ना या देखने से आपकी आंखे भरी हो सकती है क्योंकि इस स्थिति में आपके आंखे की मांसपेशियां खींची हुई स्तिथि में होती है। आपकी आंखों में गति प्रदान करने वाली मांसपेशियां होती हैं और जो आपकी पुतलियों, या आपकी आंखों के लेंस को नियंत्रित करती है।

कुछ लोगों को आंखों में भारीपन का खतरा अधिक हो सकता है। ड्राई आइ वाले लोगों को बार बार आंखों में भारीपन हो सकता है। जिन लोगों को दृष्टि की समस्या है, लेकिन वे चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस नहीं पहनते हैं, उन्हें भी आंखो में भारीपन महसूस हो सकता है। इस लेख में आंखों में भारीपन क्यों होता हैं और इसके कारणों पर चर्चा की गई है। यह आंखों के तनाव के निदान और उपचार पर भी चर्चा करता है।

आंखों में भारीपन के लक्षण –

जब आप पढ़ रहे हों या स्क्रीन देख रहे हों तो आपको आंखों में भारीपन महसूस हो सकता है। आंखों भारीपन कुछ ही समय तक रहता है।ये भारीपन बहुत बार काफी घंटों तक रहता है। अगर आप बहुत समयतक ब्रेक नही लेते है तो ये बढ़ाता जाता है।

आंखों में भरिपन के लक्षण हैं:

  • आंखो का दर्द
  • आंखो का पानी सुखना
  • आँखों में खुजली या जलन
  • देखने में तकलीफ
  • सिरदर्द, आपकी आंखों और माथे के आसपास
  • धुंधली दृष्टि
  • एकाग्रता में कमज़ोरी
  • आँख फड़कना
  • फोटोफोबिया, और प्रकाश संवेदनशीलता

आंखों का भारीपन परमानेंट नही होता है। आंखों का भारीपन आपकी आंखों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता है या आपकी दृष्टि को प्रभावित नहीं करता है। लेकिन ये कष्टप्रद होता है।

आंखों में खिंचाव एव भारीपन के कारण –

आंखोंमें कई प्रकार के मांसपेशीय होती हैं जो ध्यान केंद्रित करने में आपकी मदद करती हैं। उसके ज्यादा इस्तेमाल करने पर वो थक जाती है। और इससे आंखों में थकान हो सकती है। सिलिअरी मांसपेशियां आपकी आंख में लेंस के आकार को बदल देती हैं। वे लेंस को अलग-अलग तरीकों से मोड़ते हैं ताकि आप निकट या दूर की वस्तुओं देख सकें। इन मांसपेशियों का लंबे समय तक उपयोग करने के बाद आंखों में भारीपन होता है। आंखों में भारीपन निचे दिए गए है :

  • पढ़ना
  • ड्राइविंग करना
  • बारीक चीज़ों पर काम करना

स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी आंखों में भारीपन पैदा करते हैं। छोटे फोंट और नीली रोशनी (Blue light) आंखों पर बुरा असर कर सकते है। जब आप अपनी आंखो को ज्यादा इस्तेमाल करते है तो यह आपकी अतिरिक्त ओकुलर मांसपेशियों को खत्म देता है। ऑक्यूलर मांसपेशियां वो होती है जो आपकी आंखों को एक तरफ से दूसरी तरफ और ऊपर से नीचे घुमाती हैं। वीडियो गेम खेलने से आंखों की रोशनी जा सकती है।

आंखो मे भरिपान के लिए जोखिम कारक घटक –

आंखों में भारीपन किसी को भी हो सकता है। यह सभी उम्र के बच्चों और वयस्कों में हो सकता है। कुछ लोगों को आंखों में भारीपन का खतरा अधिक हो सकता है, जिनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं:

  • जो छात्र घंटों पढ़ने में बिताते हैं.
  • जो लोग दिन भर कंप्यूटर पर काम करते हैं
  • जिन लोगो को नौकरी में बहुत अधिक पढ़ने की आवश्यकता होती है.

नीचे कुछ समस्याएं दी गईं है जिससे आपको भविष्य में तकलीफ हो सकती है :

  • दूरदर्शिता(farsightedness), जब आपको पास की वस्तुओं को देखने में कठिनाई होती है तो उसे दूरदर्शिता कहते है।
  • निकटदृष्टिदोष(Nearsightedness),अगर आपको दूर की चीज़ों को देखने में कठिनाई होती है तो उसे निकटदृष्टिता कहते है।
  • दृष्टिवैषम्य(astigmatism), जब आपकी दृष्टि धुंधली, या खराब होती है तो उसे दृष्टवैश्म्य कहते है।

दृष्टि संबंधी समस्याएं आगे चलके बहुत गंभीर हो सकती है।

आंखो मे भरीपन के लिए उपचार –

कोई भी दवा या प्रक्रिया आंखों के भारीपन को दूर नहीं कर सकती है। हालाँकि, आप इसे कम करने के लिए कुछ उपाय कर सकते है।

१. अपनी आँखें आराम करो :

जब आपको लगे कि आंखों में स्ट्रेस या भारीपन आ रहा है, तो कुछ सेकंड के लिए अपनी आंखें बंद कर लें। इससे आपके आंखो में आराम मिलेगा।

जिन कामों में लंबे समय तक पढ़ने या छोटी वस्तुओं को देखने की आवश्यकता होती है, तो ऐसे समय में बीच बीच में ब्रेक लें। अपनी आँखें बंद करे या कुछ दूरी पर देखने का प्रयास करें।

२. लाइट बदलें :

जहां अच्छी रोशनी मिल रही है वहा काम करें या पढ़ें। मंद रोशनी आपको कंफर्टेबल लगती हो लेकिन उससे आंखों में भारीपन आ सकता है।

३. कंप्यूटर और फोन समायोजित करें :

  • आपके स्क्रीन की ब्राइटनेस को कम में सेट करें । और कंट्रास्ट को भी अच्छी तरह से सेट करे । कंप्यूटर पर काम करते समय, स्क्रीन से थोड़ा दूरी पर बैठें।
  • अपने फोन या कंप्यूटर पर फ़ॉन्ट बहुत छोटा न रखे। क्योंकि अगर फ़ॉन्ट बहुत छोटा है तो उसे देखाने में मुश्किल होती है। मीडियम साइज फॉन्ट को रखे।

४. आपकी दृष्टि की समस्या को ठीक करे :

अगर आपको बार-बार आंखों में भारीपन होता है या स्ट्रेस होता है, तो आपको दृष्टि संबंधी समस्या के बारे में भी डॉक्टर को दिखाना चाहिए। अपनी आंखों की जांच कराने के लिए अच्छे ऑप्थलमोलोजिस्ट से मिलिए।

तो हमने आज देखा के आँखो मे भरिपण क्यू आता है उसे जुडे उपाय एव कारण भी हमने देखे.जो हमने ऊपर देखे, हमें उमीद है आपको हमारे इस आर्टिकल से फायदा हुआ होगा.

धन्यवाद् !

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