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रोग संचरण का माध्यम क्या है?

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रोग संचरण का माध्यम क्या है?
रोग संचरण का माध्यम क्या है?

अगर हमारी सेहत अच्छी हो, हम हेल्थी, तंदुरुस्त हो तो कई प्रकार की बीमारी से हम मुक्त रह सकते हैं। सेहत अच्छी रहने के लिए हमें नियमित रूप से ताजी हरी भरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। इससे हमारे शरीर को कई प्रकार के पोषक तत्व एवं पोषक घटक की पूर्ति होती है। नियमित रूप से आपको फलों का सेवन भी करना चाहिए। तथा फलों का जूस लेना चाहिए। इससे, भी हमें कई प्रकार के विटामिंस मिलते हैं। हमारे शरीर को प्रोटींस विटामिंस, मिनरल्स, पोटैशियम, फाइबर की मात्रा अच्छी तरह से मिलते रहे, तो बड़ी से बड़ी बीमारी से भी हम दूर रह सकते हैं। क्योंकि, हमारे शरीर की रोगप्रतिकारक क्षमता यह बढ़ने में मदद होती है। और अगर हमारे शरीर के रोग प्रतिकारक क्षमता अच्छी हो, तो कई प्रकार की बीमारियों से रोगों से हम मुक्त रहते हैं। अगर यही रोगप्रतिकारक क्षमता कम होने लगी हो, तो किसी के बीमारी से हम भी संक्रमित हो सकते हैं और बीमार पड़ सकते हैं। दोस्तों, रोग संचरण के कई प्रकार के माध्यम है। इसलिए हमें हमारी सेहत की ओर ध्यान देना चाहिए। अगर हमारे शरीर की भी रोगप्रतिकार क्षमता कमजोर पड़ गई हो, तो इन संचरण के माध्यमों से हम भी बीमार पड़ सकते हैं। और कई प्रकार के रोगों के शिकार हो सकते हैं। दोस्तों, रोग संचरण के माध्यम कौन-कौन से होते हैं? किस कारण हम बीमार पड़ सकते हैं? इसकी क्या वजह है? इसके माध्यम के बारे में हमको पता होना चाहिए। जिससे हम सावधानी बरत सकते हैं। आज हम रोग संचरण का माध्यम क्या है? इनसे हमें संक्रमण कैसे हो सकता है? इस प्रकार के बारे में जानने वाले हैं। तो चलिए जानते हैं, लोग संचरण के माध्यम और इनसे हमें कौन से प्रकार के सावधानी बरतनी चाहिए।

रोग संचरण के माध्यम : Rog Sancharan Ke Madhyam 

हमें किसी भी रोग से बीमारी से बचने के लिए हमारी सेहत की ओर ध्यान देना चाहिए। अगर हमारी इम्यूनिटी पावर कम होने लगे, हम शारीरिक रूप से कमजोर होने लगे, तो कई बीमारी से जकड़ सकते हैं। या फिर किसी के रोग से हम संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए, हमें अपनी सेहत की ओर ध्यान देना चाहिए। और हमारे शरीर की इम्यूनिटी पावर बढ़ाने की ओर ध्यान देना चाहिए। दोस्तों, ऐसे कौन से माध्यम है? जिनसे हम संक्रमित हो सकते हैं तो चले जानते हैं इस बारे में,

रोग संचरण का माध्यम क्या है?
रोग संचरण का माध्यम क्या है?

पानी : Pani

हमारे शरीर हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी यह महत्वपूर्ण होता है। अगर हम रोजाना ज्यादा मात्रा में पानी पीते हैं, तो इससे हमारा शरीर भी साफ रहता है। और कई प्रकार के बीमारी से हम मुक्त रह सकते हैं। लेकिन वही अगर हम दूषित पानी का सेवन करते हैं, तो इसके वजह से हम बीमार पड़ सकते हैं। कई बार तो दूषित पानी की वजह से अगर पानी में कई प्रकार के बैक्टीरिया हो, तो इस कारण हमें टाइफाइड भी हो सकता है। तो कई बार पेट की बीमारी भी हो सकती है। इसीलिए, हमें पानी को अच्छी तरह की है इसे उबालकर ही ठंडा करके उसको सेवन करना चाहिए। या पानी को फिल्टर करने के बाद ही उसका सेवन करना चाहिए।

हवा : Hava

दोस्तों हवा यह एक रोग संचरण का माध्यम है। अगर हवा प्रदूषित हो गई हो तो इस वजह से हमें कई प्रकार की बीमारियां हो सकती है। कभी कबार तो किसी को खासी की प्रॉब्लम भी हो शुरू हो जाती है। हवाई यह एक ऐसा माध्यम है जो एक बीमार व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को उसकी बीमारी फैला सकती है। ऐसे कई प्रकार के जीवाणु बैक्टीरिया है जो हवा के माध्यम से दूसरे व्यक्ति के मुंह में नाक से चले जाने पर उस व्यक्ति को संक्रमित कर देते हैं। और वह व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है और रोगी हो सकता है।रोग संचरण का माध्यम क्या है?

व्यक्ति : Vyakti

एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को उसकी बीमारी संक्रमित हो सकती है। अगर एक व्यक्ति बीमार हो संक्रमित हो और उसके आसपास के व्यक्ति भी संक्रमित हो सकते हैं। उस व्यक्ति की अगर आपने चीजें इस्तेमाल की हो, या फिर उस व्यक्ति से आपका संपर्क आया है, उसके खास से भी आपको उस व्यक्ति की बीमारी हो सकती है रोबो का संक्रमण हो सकता है। इसीलिए, आपको विशेष रूप से बीमार व्यक्ति से दूर रहना चाहिए। उस व्यक्ति की चीजों से दूर होना चाहिए और उस व्यक्ति के कपड़े रुमाल अलग से धोना चाहिए। नहीं तो उस व्यक्ति का संक्रमण से आप भी बीमार पड़ सकते हैं।

दूषित भोजन : Dushit Bhojan

दोस्तों, अगर आप दूषित भोजन करते हैं, अगर आपके भोजन में कुछ बैक्टीरिया हो, या फिर जीवाणु का प्रवेश हो गया हो, और उसे आपने खा लिया हो, तो इस वजह से भी आप बीमार पड़ सकते हैं आपको भी संक्रमण हो सकता है। अगर भोजन में कुछ विषैले बैक्टीरिया चले गए हो, या फिर भोजन खराब हो गया हो और फिर बाद में हमने खाया हो तो इस वजह से हम बीमार हो सकते हैं। अगर किसी बीमार व्यक्ति का जूठा भोजन हमने खाया हो, तो उस वजह से भी उस व्यक्ति की बीमारी हमें लग सकती है उससे व्यक्ति से हमें संक्रमण हो सकता है।

हाथों का संक्रमण Hathon Ka Sankram

एक व्यक्ति के हाथों द्वारा दूसरे व्यक्ति को उसके बीमारी का संक्रमण हो सकता है। अगर एक व्यक्ति बीमार हो, संक्रमित हो दूसरा व्यक्ति उसके संपर्क में आने से तथा हाथों को हाथों में मिलाने से भी वह दूसरा व्यक्ति रोग से संक्रमित हो सकता है। और तू बहुत दूसरे व्यक्ति के संपर्क में जो-जो व्यक्ति आते जाएंगे, वह व्यक्ति भी संक्रमित हो सकते हैं। बीमार पड़ सकते हैं।

खांसी : Khansi

कई बार खांसी के कारण भी एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से संक्रमित हो सकता है। अगर जब कोई व्यक्ति जब खांसता है, तो उसके खांसी से कई प्रकार के उसके शरीर से बैक्टीरिया बाहर पड़ते हैं, और खांसते वक्त वह व्यक्ति जिसके पास बैठे हो तो उस व्यक्ति को भी यह संक्रमण हो सकता है। वह व्यक्ति भी बीमार पड़ सकता है। इसीलिए खांसी यह भी एक रोग संचरण का मुख्य माध्यम हैं।

कपड़ों द्वारा : Kapdon Dwara

अगर बीमार व्यक्ति के कपड़े कोई दूसरा व्यक्ति पहनता है, तो उस व्यक्ति को भी वह बीमारी हो सकती है। अक्सर बीमार व्यक्ति के कपड़ों में उसके बैक्टीरिया चली जाती है, उसके जीवाणु उस कपड़ों में रह सकते हैं। और उसी व्यक्ति के कपड़े अगर दूसरा व्यक्ति अनजाने में हाथ में लेता है, या फिर पहन लेता है, या फिर धोने में एक साथ उस व्यक्ति के कपड़े धोए जाते हैं, तो इस वजह से भी वह व्यक्ति जल्दी से संक्रमित हो जाता है और उस व्यक्ति को भी वह रोग हो सकता है।

दोस्तों, रोग संचरण के कई प्रकार के माध्यम है, इस प्रकार के बारे में हमने जान लिया है। इससे बचने के लिए हमें कौन से उपाय करने चाहिए? क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? इस प्रकार के बारे में भी आपको जान लेना चाहिए। जैसे कि,

  • अगर कोई व्यक्ति बीमार है, तो उस व्यक्ति से हमें दूर रहना चाहिए थोड़ी दूरी बढ़ाकर रहना चाहिए जिससे हम उस व्यक्ति से संक्रमित ना हो सके।
  • अगर कोई व्यक्ति खास रहा हो, खांसी से परेशान हो चुका हो, तो हमें मास्क पहन लेना चाहिए। और उससे दूरी बनानी चाहिए।
  • हमें अपने दोनों हाथ स्वच्छ रखने चाहिए सैनिटाइजर का उपयोग कर लेना चाहिए। जिससे हमें हाथों से किसी भी प्रकार का संक्रमण ना हो सके।
  • कई बार हवा प्रदूषित होती है। तो इसके लिए हमें अपने नाक पर रुमाल बांध लेना चाहिए, या फिर मास्क का उपयोग करना चाहिए।
  • हमेशा पानी का सेवन पानी के उबालने के बाद ही करें या फिर स्वच्छ पानी का ही पीने के लिए उपयोग करें।
  • नियमित रूप से आपको फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए। इससे हमें कई प्रकार के विटामिंस,पोषक तत्व एवं पोषक घटक मिलते हैं। जिसके कारण हमारे शरीर के रोग प्रतिकारक क्षमता अच्छी मात्रा में बनने में मदद होती है।
  • हमें अपनी सेहत की ओर ध्यान देना चाहिए हमारे शरीर के रोग प्रतिकारक क्षमता पढ़नी चाहिए जिससे हम कई प्रकार के संक्रमण से रोगों से बीमारी से दूर रह सकते हैं।
  • नियमित रूप से आपको योगा का अभ्यास करना चाहिए।
  • व्यायाम करने की ओर ध्यान देना चाहिए। इससे हमारे शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता मजबूत बनने में मदद होती है।
  • हमेशा हमारी सोच सकारात्मक होनी चाहिए हमें पॉजिटिव थिंकिंग की ओर ध्यान देना चाहिए। जिससे हम कई प्रकार के रोगों से मुक्त रह सकते हैं। और हमारे शरीर की ऊर्जा भी बढ़ने में मदद होती है।

दोस्तों, हमें हमारे सेहत की ओर ध्यान देना चाहिए। इसलिए, हमें कई प्रकार की सावधानियां बरतनी चाहिए। बीमार व्यक्ति से बोलते वक्त उससे थोड़ी दूरी बनाने चाहिए और हमेशा बीमार व्यक्ति से बातें करते समय मास्क का उपयोग करना चाहिए। तो दोस्तों, हमने दी हुई जानकारी आपको कैसी लगी, यह आप हमें हमारे कमेंट बॉक्स में लिखकर बता सकते हैं।

धन्यवाद।

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