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पीरियड्स में दर्द (मेंस्ट्रूअल क्रेम्प्स) की समस्या

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पीरियड्स में दर्द (मेंस्ट्रूअल क्रेम्प्स) की समस्या
पीरियड्स में दर्द (मेंस्ट्रूअल क्रेम्प्स) की समस्या

पीरियड्स में दर्द क्यों होता है ? यह सवाल ज्यादातर महिलाओं को अपने जीवन में आता है | वैसे देखा जाए तो जब लड़की के पीरियड शुरू होते हैं, तब उसे अपने मासिक धर्म के शुरुआती दिनों में शरीर में हल्का सा दर्द शुरू होता है और कुछ दिनों बाद शरीर का दर्द बढ़ने लगता है |

पीरियड्स के दिनों में पेट में दर्द होना, अधिक मात्रा में ब्लीडिंग होना ऐसे कई कारणों की वजह से महिलाओं को पीरियड्स में परेशानी होती है और इस बात का सीधा असर उनके जीवन पर होता है | आमतौर पर मासिक धर्म का दर्द यानी की मेंस्ट्रूअल क्रेम्प्स (Menstrual Cramps) पीरियड्स आने के 24 घंटे पहले से शुरू होता है और कुछ दिनों के लिए यह होता है, जिसके कारण –

  • थकान महसूस होती है |
  • पेट में दर्द होने लगता है |
  • सिर दर्द होता है |
  • पेट के निचले हिस्से मैं दर्द होता है |

मासिक धर्म में दर्द क्यों होता है ?

महिला के शरीर में प्रोस्टाग्लैंडीन (Prostaglandin) की मात्रा बढ़ने की वजह से इस बात का सीधा असर महिला के गर्भाशय पर पड़ता है | प्रोस्टाग्लैंडीन गर्भाशय को सिकुड़ता है, जिससे कि पेट में हल्की सी क्रेम्प्स (Cramps) यानी कि दर्द महसूस होने लगता है | प्रोस्टाग्लैंडीन यह एक हार्मोन है, जो फैटी एसिड की तरह ब्लड प्रेशर, मेटाबॉलिज्म और बॉडी के तापमान को संतुलित रखता है |

महिला स्वास्थ्य समिति के अध्ययन रिपोर्ट में ऐसा पाया गया है कि ज्यादातर महिलाओं का गर्भाशय बच्चे को जन्म देते वक्त जितना सिकुड़ता है, उससे अधिक गर्भाशय पीरियड के समय सिकुड़ने की वजह से उन्हें मासिक धर्म में ज्यादा दर्द होता है |

अमेरिका के मायो क्लिनिक के संशोधन में पाया गया है कि एंडोमेट्रियोसिस यानी कि गर्भाशय के अंदर अधिक कोशिकाओं की बढ़ने की वजह से गर्भाशय में ऑक्सीजन कम पहुंच पाता है, जिससे कई बार महिलाओं को बांझपन की समस्या भी आती है और यह मासिक धर्म में दर्द का सबसे बड़ा कारण यह होता है |

मासिक धर्म का दर्द कब होता है ?

मासिक धर्म का दर्द होना वैसे तो आम बात होती है, लेकिन कई बार अधिक मात्रा में दर्द होने की वजह से यह महिलाओं से सहा नहीं जाता है | मासिक धर्म का दर्द आमतौर पर पेट के निचले हिस्से में शुरू होता है या फिर कमर में दर्द होने लगता है |

आमतौर पर जब लड़की के पीरियड आना शुरू हो जाते हैं तब शुरुआती 1 या 2 साल में यह दर्द अधिक होता है | डॉक्टरी भाषा में इसे डिसमेनोरिया कहते हैं |

मासिक धर्म का दर्द कम करने के लिए घरेलू उपाय :

वैसे डिसमैनरिया इतना कोई बड़ा रोग नहीं है, लेकिन इससे आपकी सेहत पर थोड़ा बहुत तो प्रभाव पड़ता ही है | मासिक धर्म का दर्द कम करने के लिए अगर आप कुछ घरेलू उपाय इस्तेमाल करते हो, तो आप इस होने वाले दर्द में राहत पा सकते हो |

खानपान की तरफ ध्यान देना बहुत जरूरी है :

अमेरिका की सबसे बड़ी मेडिकल ऑर्गेनाइजेशन यानी कि नेशनल बायो टेक्नोलॉजी सेंटर ने अपने रिसर्च में ऐसा पाया है कि, अधिक हरी सब्जियों का और फलों का सेवन करने से मासिक धर्म में दर्द की समस्या कम हो जाती है | कम चर्बी वाला खाना खाने से शरीर मैं जलन और सूजन कम होती है |

कम चर्बी युक्त खाना खाने से आपको सिर्फ पेट के लिए ही नहीं बल्कि मासिक धर्म की दर्द की समस्या से आपको छुटकारा मिल सकता है | इसलिए जितना हो सके उतना अच्छा डाइट आपको रखना जरूरी है |

आमतौर पर अगर आप सोयाबीन तेल का इस्तेमाल खाने में कर रहे हो, तो आप इस तेल की जगह पर ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हो |

दिन में कम से कम 25 से 35 प्रतिशत कैलोरी आपको दूध या डेरी युक्त प्रोडक्ट से मिलती है | हो सके तो आप ड्राई फ्रूट्स में बादाम और अखरोट का सेवन कर सकते हो |

पीरियड्स में दर्द से बचने के लिए साथ में पेन किलर रखें :

हर कोई पीरियड का दर्द करने के लिए मेडिसिन का इस्तेमाल करें ऐसा हम नहीं कहना चाहते, लेकिन अगर आप स्टेरॉयड मुक्त जलन कम करने वाली मेडिसिन का सेवन करते हो, जैसे कि इबुप्रोफेन टेबलेट या फिर नप्रोसिन गोली को मासिक दर्द के समय इस्तेमाल करती है तो इससे आपका दर्द थोडा बहुत कम होने में मदत मिलेगी |

जैसे कि हमने आपको पहले ही बताया प्रोस्टाग्लैंडीन की वजह से मासिक धर्म में दर्द होता है और जब आप इन दवाइयों का सेवन करते हो तो यह प्रोस्टाग्लैंडीन की बनने की मात्रा को यह टेबलेट्स कम करती है |

किसी भी टेबलेट का इस्तमाल करने से पहले आपको अपने फैमिली डॉक्टर से बिना स्टेरॉयड युक्त दवाइयों का सेवन आपके लिए अच्छा है या नहीं यह जान कर सेवन करना हैं | अगर आपको पहले मासिक स्त्राव या फिर किडनी के संदर्भ में कोई परेशानी है तो आपको पूछना बहुत जरुरी है |

किसी भी दवाई को लेने से पहले आपको सबसे पहले उस दवाई पर लिखी हुई जानकारी अच्छे से पढ़ लेना बहुत जरूरी है |

मासिक स्त्राव में अधिक दर्द हो रहा है तो गलती से भी आपको जल्दबाजी में एक से ज्यादा गोली का सेवन नहीं करना है क्योंकि कई बार जल्दी राहत पाने की चक्कर में लड़कियां ऐसा कर लेती है |

हर्बल टी का सेवन लाभदायक हो सकता है :

सैन फ्रांसिस्को की प्रसिद्ध न्यूट्रीशन एक्सपर्ट सोनिया एंजेलिनो ने मासिक धर्म के समय दर्द को कम करने के लिए हर्बल टी का सेवन करने की सलाह दी है | कुछ हर्बल टी शरीर में एस्ट्रोजेंस की तरह काम करती है, जो मासिक धर्म में दर्द की समस्या को कम करता है |

आप इस समय ग्रीन टी का भी सेवन कर सकते हो, क्योंकि यह शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट की तरह काम करता है |

ग्रीन टी का सेवन करने से पहले आपको 15 से 20 मिनट तक कुछ नहीं खाना है, क्योंकि इससे आपको एसिडिटी की समस्या हो सकती है |

पुदीना युक्त ऑयल को पीरियड आने के एक-दो हफ्ते पहले चाय के साथ सेवन करने से मासिक धर्म में दर्द की समस्या कम होती है |

फिश ऑयल और विटामिन b1 का सेवन :

मासिक धर्म के दर्द में अलग तरीके से राहत पाने के लिए आप फिश ऑयल का सप्लीमेंट की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हो |

नेशनल बायोटेक्नोलॉजी सेंटर के सप्टेंबर 2014 की रिपोर्ट में लिखा है कि फिश ऑयल का इस्तेमाल करने से मासिक धर्म के दर्द का इलाज होता है | ऐसा पाया गया की कुछ महिलाओं ने रोजाना 100 मिलीग्राम b1 और 500 मिलीग्राम फिश ऑयल सप्लीमेंट लेने से उनकी मासिक धर्म की पीड़ा कम हुई  |

एक्यूपंक्चर का इस्तेमाल से करे पीरियड्स में दर्द का इलाज :

महिलाओं के मासिक धर्म में पीड़ा को कम करने के लिए तंत्रिकातंत्र (नर्वस सिस्टम) शांत होना बहुत जरूरी है क्योंकि नर्वस सिस्टम शांत होने की वजह से शरीर में खून का प्रवाह अच्छे से होता है और एक्यूपंक्चर की वजह से नर्वस सिस्टम शांत होता है |

जनवरी 2011 की रिपोर्ट में यह साबित हुआ है कि, जिन महिलाओं ने अपने नर्वस सिस्टम को शांत कर लिया उन महिलाओं में मासिक धर्म मैं दर्द की समस्या कम हो गई है |

हॉट वॉटर बैग का इस्तेमाल :

मासिक धर्म में पेट दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए इबुप्रोफेन का इस्तेमाल करने से जिस तरह जल्द ही राहत मिलती है, ठीक वैसी राहत हॉट वॉटर बैग का इस्तेमाल करने से महिला को मिलती है |

मासिक धर्म के दौरान पेट में और कमर में दर्द से राहत पाने के लिए आप कुछ बाबा रामदेव जी के योगआसन का इस्तेमाल कर सकते हो इससे भी इस पीड़ा में आपको राहत मिल सकती है |

मासिक धर्म में दर्द से राहत पाने के लिए योग :

धनुरासन :

अगर आप पीरियड्स में क्रेम्प्स की समस्या से परेशान है, तो आप धनुरासन कर सकते हो | धनुरासन करने से आपके शरीर का पूरा हिस्सा जैसे कि पेट, सीना, जांगे इत्यादि स्ट्रेच होते हैं | जो पीरियड में दर्द से राहत दिलाते हैं |

मत्स्यासन :

इस आसन में आपको मछली की तरह योग क्रिया करनी पड़ती है | मत्स्यासन को नियमित करने से आपके मासिक धर्म का दर्द कम होता है, इससे आपके पीठ का दर्द और कमर का दर्द दूर होता है | इस आसन को करने से आपके पेट की गैस भी कम होती है |

बालासन योग :

अगर आपके पीरियड में आपके लोअर बैक में पेन हो रहा है, तो आपको बालासन योग करना चाहिए | इस योग से आपकी कमर में खिंचाव आता है और तनाव दूर होता है | यदि आपको पीरियड्स में पेट और गर्दन में दर्द हो रहा है तो आपको यह आसन करना बहुत जरूरी है |

पीरियड में दर्द को कम करने की पतंजलि दवा :

अगर आप स्वदेशी तरीके से अपने पीरियड में पेट दर्द कम करना चाहते हैं, तो आप पतंजलि मेडिसिन का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि आयुर्वेदिक तरीके से पेट दर्द का इलाज अगर आप कर रहे हो, तो इससे आपको कोई नुकसान नहीं होता है |

लेकिन जब भी आप इस पतंजलि दवा का इस्तेमाल करोगे, तो आपको सेवन करने से पहले इस पतंजलि दवा का सेवन करने का तरीका जान लेना बहुत जरूरी है |

पतंजलि त्रिफला चूर्ण :

मासिक धर्म में दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए पतंजलि त्रिफला चूर्ण लेने से आपके पेट की नसों को राहत मिलती है, जो आपके लिए बहुत ही फायदेमंद है |

आमतौर पर पेट की नसों में खिंचाव आने की वजह से भी मासिक धर्म के समय दर्द होता है, इसलिए त्रिफला चूर्ण आपके लिए लाभदायक हो सकता है |

पतंजलि दिव्य उदरकल्प चूर्ण :

पीरियड्स में पेट में जलन होने की वजह से पेट खराब होने की समस्या होती है और यदि आप उदरकल्प चूर्ण का सेवन करते हो, तो आपको खाना हजम भी अच्छे से होता है और पेट खराब भी नहीं रहता |

यह चूर्ण आमतौर पर 20 साल की उम्र के ऊपर लड़कियां ले सकती | पतंजलि उदरकल्प चूर्ण मार्केट में आसानी से मिलने की वजह से आप इसका सेवन कर सकती हो |

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