नमस्कार दोस्तों । फ्री सिंपलीफाइड इंफॉर्मेशन वेबसाइट में आप सभी का हम स्वागत करते हैं । आज हम आपको हमारे इस आर्टिकल में पीरियड्स के दौरान बालो को धो सकते हैं या नही ये देख रहे है ,ओर इससे जुड़ी जानकारी बताने वाले हैं । पीरियड्स एक ऐसा अनुभव है जिससे केवल लड़कियां ही गुजरती हैं। इसमे बहुत से ऐसे अनुभव है जैसे हम में से कुछ को दर्द होता हैं, कुछ को ऐंठन होती हैं, कुछ को भूख कम लगती है, कुछ को गुस्सा ज्यादा आता हैं, (अनपेक्षित रूप से !)मासिक धर्म के लक्षणों के साथ-साथ कई प्रतिबंध भी रहते है जो ‘मनमाने’ और ‘अर्थहीन’ लगते हैं। ऐसा है के दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में पिरियड के बारे में अलग-अलग अंधविश्वास हैं. आयुर्वेद, प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति, इनमें से कुछ सदियों पुरानी प्रथाएं दी गईं है।
पीरियड्स के बारे में आयुर्वेद का दृष्टिकोण –
आयुर्वेद में पीरियड्स को महिलाओं के लिए एक शुद्धिकरण प्रक्रिया कहा गया है – ये एक डिटॉक्स प्रक्रिया है। स्त्री को चक्र आत्मशुद्धि में सहायक होता है। यह टॉक्सिक पदार्थों और अशुद्धियों को दूर करने का शरीर का चक्र है। वास्तव में, ये एक ऐसा चक्र है जिसे लाभ के रूप में देखा जाता है जो केवल महिला के पास होता है।
आयुर्वेद और पिरियड के लक्षण :
आयुर्वेद के बारे में दिलचस्प और विशिष्ट बात यह है कि यह आपको पुरुष महिला या युवा होने के इस आधार पर अलग नहीं करता है। यह आपको केवल आपके वात, पित्त या कफ प्रकृति के उपर से अलग करता है। जैसे वात-प्रकृति वाले लोगों के लिए, पीरियड्स में दर्द होता है।क्योंकि वात की वजह से शीतलता (ठंडापन) और खुरदरापन रक्त वाहिकाओं के संकुचन करता है।
- पित्त-प्रकृति लोगों के लिए, पीरियड्स चक्र में भारी रक्तस्राव और सूजे हुए स्तन होते हैं।
- कफ-प्रकृति वाले लोगों के लिए, पीरियड्स में प्रवाह भारी होता है, पीरियड्स के रक्त में क्लाॅट होते हैं।
- बाल धोने और पीरियड्स में रक्तस्राव के बीच संबंध
अपने बालों को शैम्पू करने और पीरियड्स में भरी रक्तस्राव विकसित करने के बीच कोई संबंध नहीं है।पुराने कुछ दोषपूर्ण सिद्धांतों ने दावा किया था कि सिर के तापमान में बदलाव से हार्मोनल बदलाव होता है- जिससे बीमारी हो सकती है।यह साबित करने के लिए कोई संशोधन नहीं है कि पीरियड्स के दौरान बाल धोने से किसी प्रकार की बीमारी होती है या रक्तस्राव बढ़ता है उलटा इस दौरान न नहाना असल में परेशानी का कारण बन सकता है.
पीरियड्स के दौरान अपने बालों को धोने के अन्य विकल्प
कई महिलाएं कहती हैं कि एक अच्छे गर्म पानी से स्नान करने से निकलने वाली गर्मी पीरियड्स के क्रम्स और पीरियड्स के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है। लेकिन फिर भी आपको अन्य विकल्प को देखना है तो आप ड्राई शैंपू इस्तेमाल कर सकते है ड्राई वॉश ले सकते है।
अन्य तज्ञ व्यक्ती के विचार :
- पीरियड्स के चौथे दिन सिर से पांव तक नहाना चाहिए.
- मासिक धर्म के बारे में तथ्य: पहले तीन दिनों में, शरीर पहले से ही रक्त के स्त्राव के माध्यम से गर्मी को मुक्त करता है। यह सुझाव दिया जाता है कि आप पीरियड्स से दूसरे दिन सिर पर स्नान न करें .
- दरअसल, पीरियड्स के दौरान ओवम ब्रेक होता हैं और इसका गंदा खून शरीर से बाहर निकल जाता है।
ऐसे में अगर आप पीरियड्स के दौरान अपने बाल धोती हैं तो इससे शरीर का तापमान ठंडा हो जाता है और पीरियड्स के दौरान शरीर को गर्म रखने की जरूरत होती है, ताकि पेट की गंदगी साफ हो जाए. ऐसे में इस दौरान नहाने या बाल धोने से शरीर का तापमान कम हो जाता है, जिससे शरीर की गंदगी ठीक से नहीं साफ़ हो पाती है। और धीरे-धीरे यह गंदगी की गांठ बनने लगती है, जिससे गर्भाशय से जुड़ी बीमारियों के अलावा कैंसर भी हो सकता है। पीरियड्स में नहाने या बाल धोने से टॉक्सिन्स पूरी तरह से बाहर नहीं निकलते हैं, जिससे इन्फेक्शन हो सकता है। पीरियड्स में पेट में तेज दर्द जैसी समस्या होने की संभावना बढ़ती है। इसलिए बालों को कम से कम 3 दिन तक न धोएं। आप पीरियड्स के आखिरी दिनों में अपने बाल धो सकती हैं। अगर आप इस दौरान सिर धोती हैं तो आप हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।
तो आज हमने देखा के पीरियड्स में बाल धोने चाहिए या नहीं जो हमने ऊपर देखा है, हम आशा करते हैं कि आपको इस लेख से फायदा हुआ होगा।
धन्यवाद् !