जय हिन्द दोस्तों, वैसे तो हम सभी जानते है की भारत कब स्वतंत्र हुआ था?
पर क्या हम यह जानते है की १५ अगस्त १९४७ को ही भारत स्वतंत्र क्यों हुआ था। आज हम समझने की कोशिश करेंगे की असल में भारत कब स्वतंत्र हुआ था?
१४ अगस्त १९४७ की रात को क्या हुआ था?
१९४७ में ब्रिटिश सरकार ने भारत छोड़ने का फैसला तो ले लिया, लेकिन १४ अगस्त १९४७ की आधी रात को ब्रिटिश सरकार ने भारत देश को २ टुकड़ों में बांट दिया। भारत और पाकिस्तान, इन २ टुकड़ों में बंट गया हमारा भारत देश।
१५ अगस्त क्या सिर्फ भारत देश स्वतंत्र हुआ था?
१९४७ से १५ अगस्त को हम हर साल बड़े धूम धाम से और गर्व के साथ हमारे भारत देश का स्वतंत्रता दिवस मानते है।
पर इस दिन यानि, १५ अगस्त को भारत के साथ साथ और ३ देश भी अपना स्वतंत्रता दिवस मानते है।
- कांगो गणराज्य स्वतंत्र हुआ था १५ अगस्त १९६० को।
- उत्तर कोरिया स्वतंत्र हुआ था १५ अगस्त १९४८ को।
- दक्षिण कोरिया स्वतंत्र हुआ था १५ अगस्त १९४८ को।
जिस तरह से भारत और पाकिस्तान दो देश एक ही देश के दो भाग है। उसी तरह १९४८ में कोरिया के दो दुकड़े हुए थे। जिन्हे आज हम उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के नाम से जानते है।
१५ अगस्त १९४७ को ही भारत स्वतंत्र क्यों हुआ?
दूसरे विश्व युद्ध में ब्रिटेन को काफी नुकसान हुआ था। जिसके चलते जिन देशो को उनोने सालों से काबिज किया था उन्हें वह संभल नहीं पा रहे थे।
इसके दो मुख्य कारन थे, एक तोह भारत में कार्यरत सेना की ब्रिटेन में कमतरता महसूस होना। और भारत में मौजूद सेना का खर्च उठाना। और १९४७ आते आते ब्रिटेन ने भारत को पूरी तरह से लूट लिया था, जिसके चलते भारत से ज्यादा मुनाफा भी नहीं हो रहा था।
वैसे तोह अंग्रेजो ने भारत को स्वतंत्रता देने की तारिक जून १९४८ की तय की थी। पर भारत के पहले गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी ने कहा था कि अगर अंग्रेजों ने जून १९४८ तक इंतजार किया होता, तो उनके पास पास ट्रांसफर करने की कोई शक्ति नहीं होती। इसी के चलते माउंटबेटन ने अगस्त १९४७ में ही भारत की स्वतंत्रता का फैसला ले लिया।
१४ अगस्त १९४७ की रात को भारत के विभाजन की इसी पीड़ा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने १४ अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय १४ अगस्त २०२१ में लिया है।
देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 14, 2021