नमस्कार दोस्तों । फ्री सिंपलीफाइड इंफॉर्मेशन वेबसाइट में आप सभी का हम स्वागत करते हैं । आज हम आपको हमारे इस आर्टिकल दांत दर्द पर आयुर्वेदिक दवाई ओर इससे जुड़ी जानकारी बताने वाले है. बहुत बार दांत दर्द का मुख्य कारण दांतों का सड़ना होता है जो उन पर भोजन के कणों के सड़ने के कारण होता है। बैक्टीरिया दांतो का डिमिनरलइजेशन करता है और दांत सड़ने लगते है। मुंह में ग्लूकोज और कार्बोहाइड्रेट माइक्रोबियल ब्रेक डाउन के चलते एसिड उत्पन्न करते हैं। दांत दर्द के कई घरेलू उपचार हैं जो दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। दांत दर्द के लिए आयुर्वेदिक उपचार ज्यादा अच्छे है। यह दांत के दर्द को जड़ से ठीक करता।
दांत दर्द के लिए घरेलू उपचार हैं जो दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
लौंग :
लौंग का तेल एक सबसे पुराना दांतों के दर्द को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला उपाय है। इसको यूजेनॉल कहते हैं जिसमें ओब्टुंडन गुण होते हैं जो दांत के अंदर रहने वाली नसों को शांत करता है। खराब दांत या जो दांत दर्द हो रहा है वहा कुछ लौंग को चबाएं।लौंग के तेल को जैतून के तेल की कुछ बूंदों के साथ मिलाएं और दांत दर्द वाले हिस्से पर लगाएं. बैक्टीरिया और कीटाणुओं पर लौंग तेल उपयुक्त है।
हर्बल स्टिक्स :
ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी दातून का इस्तेमाल किया जाता है । नीम और बबूल एक अच्छे दातून है जो दांतों की सड़न और प्लाक से लड़ने के लिए जाने जाते हैं। मिस्वाक भी सबसे अच्छा और पुराना दातून है और उसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण भी होते हैं. ताजा तना ले और देखे वो नरम और बिना पत्तों वाला हो। रोगाणु मुक्त दांत पाने के लिए छड़ी को चबाएं।
आंवला पाउडर :
भारतीय आंवला अधिक लोकप्रिय है, वो एक बहुत ही गुणकारी जड़ी बूटी है और इसका उपयोग कई आयुर्वेदिक उपचारों में किया जाता है। दांत दर्द में, आंवला जोड़ों के पुनर्निर्माण और विकास में मदद करता है. ये दांतों को स्वस्थ, मजबूत और कीटाणु मुक्त रखता हैं। अपने दांतों और मसूड़ों पर आंवला का उपयोग करे, आंवला पावडर से दांतों को मसाज करें।
हींग :
हींग एक प्रकार का लैटेक्स है । स्वाद और सुगंध को बढ़ाने के लिए खाने में इसके उपयोग है, इसमें बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं। यह दांत के दर्द के लिए एक अच्छा उपाय किया जाता है। कच्ची हींग का एक टुकड़ा दर्द वाले दांत पर सीधे लगाएं. हींग के पाउडर को नींबू के रस में मिलाकर पेस्ट बना लें और दर्द वाले दांत पर लगाएं। नींबू के रस में एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो आराम प्रदान करने में मिश्रण को अधिक प्रभावी बनाता है.
व्हीटग्रास :
व्हीटग्रास के विभिन्न उपयोग है। उन उपयोग में से एक है दांतों के दर्द से राहत और दांतों की सड़न से लड़ना। इसे बैक्टीरिया को साफ करने के लिए माउथवॉश के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। दांत दर्द वाले हिस्से से व्हीटग्रास को चबाएं। व्हीटग्रास जूस या व्हीटग्रास पाउडर को पानी में मिलाकर गरारे करें।
हल्दी पाउडर :
हल्दी अपने एंटी-बैक्टीरियल गुणों के लिए जानी जाती है। हल्दी दंत क्षय को रोकती है और दांत दर्द का एक अच्छा उपचार है। हल्दी पाउडर को सरसों के तेल में मिलाकर पेस्ट बना लें।सोने से पहले दांत दर्द वाले हिस्से पर लगाएं।
लहसुन :
दांत दर्द के लिए लहसुन एक अच्छा उपाय है यह दांत दर्द के लिए एक बहुत ही लोकप्रिय घरेलू उपचार है। कुछ कच्चे लहसुन को चबाएं इससे दांत दर्द तुरंत कम होगा. लहसुन को सेंधा नमक या साधारण नमक के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें। और दांत दर्द पर लगाएं।
जायफल :
जायफल एंटीइंफ्लेटरी है और प्लाक को रोकता है। जायफल का पाउडर लें और उसमें सरसों का तेल मिलाकर पेस्ट बना लें। दर्द वाले दांत पर लगाएं और १५ मिनट बाद धो लें।
त्रिफला चूर्ण :
त्रिफला एक अद्भुत जड़ी बूटी है। इसका ज्यादातर उपयोग पाचक के रूप में होता है लेकिन दांत दर्द में ये प्रभावी है।१० ग्राम चूर्ण लें और गर्म पानी में मिलाएं। इस मिश्रण से रोज गरारे करे।
नीम और बबूल :
नीम और बबूल में दांत दर्द ठीक करने की तकद होती है। ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ है जो एक एंटी सेप्टिक कीटाणुनाशक हैं ये दांतों की सड़न को दूर करती हैं और दांतों और मसूड़ों को मजबूत करके दर्द से राहत देती हैं।
काली मिर्च और सेंधा नमक :
आयुर्वेद उपचार में काली मिर्च सेंसिटिव दांतों के लिए अत्यधिक प्रभावी है। काली मिर्च पाउडर में सेंधा नमक मिलाकर दर्द वाले दांत पर लगाने से दर्द कम होता है और सेंसिटिविटी कम होती है। इस मिश्रण को अफेक्टेड एरिया पर लगाए। दांतों के दर्द कम करने के लिए रोज ब्रश और फ्लॉसिंग करे । एक अच्छा टूथ पेस्ट का उपयोग करें जो आपके मसूड़ों और दांतों के लिए फायदेमंद हो।आशा करते है आज की जाणकारी आपको फायदेमंद साबित होगी ओर जाणकारी ओर सुझाव के लिये कॉमेंट करे.
धन्यवाद !