नमस्कार दोस्तों । फ्री सिंपलीफाइड इंफॉर्मेशन वेबसाइट में आप सभी का हम स्वागत करते हैं । आज हम आपको हमारे इस आर्टिकल में वास्तु शास्त्र अनुसार भगवान का घर कैसा होना चाहिए इसके बारे में बताने वाले हैं । दोस्तों आपने हर घर में मंदिर को जरूर देखा होगा । मंदिर में हमारे इष्ट देव और अन्य देव देवि कि हम फोटो रखते हैं या फिर भगवान की मूर्ति की स्थापना करते हैं । मंदिर को घर का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है । हिंदू धर्म में घर में मंदिर का होना महत्व का होता है और घर का हर सदस्य सुबह नहाने के बाद मंदिर में भगवान के दर्शन करने जरूर आता है । आमतौर पर सभी मंदिर तो जाते ही है लेकिन वहां रोज नहीं जा पाते इसी कारण लोगों ने अपने घर में ही मंदिर बना दिया है और वही भगवान की पूजा अर्चना करते हैं ।
दोस्तों हम आपका घर छोटा हो या बड़ा लेकिन आपने भी अपने घर भगवान की स्थापना करने के लिए मंदिर का निर्माण जरूर किया होगा । आज हम आपको वास्तु शास्त्र अनुसार घर का मंदिर कैसा होना चाहिए इसके बारे में बताने वाले हैं । दोस्तों घर का मंदिर सबसे पवित्र जगह कहलाता है । मंदिर में हम नतमस्तक होकर भगवान की पूजा करते हैं अर्चना करते हैं और हमारे इष्ट देवता को दिल से याद करते हैं । मंदिर जैसी पावन जगह को वास्तु शास्त्र अनुसार ऐसी जगह पर निर्माण करना चाहिए जहां लोगों की आवाजाही ना हो और वहां शांति का वातावरण बना रहे । आज हम घर में मंदिर किस दिशा में होना चाहिए, मंदिर का रंग कैसा होना चाहिए, मंदिर में स्थापना करने वाली मूर्तियां किस तरह रखनी चाहिए इनके बारे में वास्तु शास्त्र की गाइडलाइन देने वाले हैं । हमें उम्मीद है कि आपको जरूर लाभ होगा ।
वास्तु शास्त्र अनुसार भगवान का घर कैसा होना चाहिए Vastu Shastra Tips for Home Temple :
दोस्तों घर में मंदिर का होना ही सबसे शुभ माना जाता है । साथ ही यदि मंदिर की दिशा, मंदिर का निर्माण और मंदिर का रंग और तस्वीरें या मूर्तियां वास्तु शास्त्र बता दे सही हो तो आपके घर की खुशियों के लिए यहां बहुत शुभ माना जाता है । इतना ही नहीं मंदिर की दीवारों का रंग, मंदिर का दरवाजा और दीपक जलाने की जगह उतनी ही महत्वता की है जितना आपके घर के अन्य इंटीरियर डेकोरेशन । तो चलिए जानते हैं वास्तु फॉर होम टेंपल के टिप्स क्या है ।
वास्तु शास्त्र अनुसार मंदिर की दिशा कहां होनी चाहिए Direction of Mandir at Home :
दोस्तों वास्तु शास्त्र अनुसार मंदिर की सबसे शुभ जगह घर के नॉर्थ ईस्ट दिशा में होना चाहिए । घर के उत्तर पूर्वी जगह पर मंदिर का निर्माण करना सर्वोत्तम माना जाता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव इसी दिशा से बढ़ता है । इसी कारण घर में मंदिर का निर्माण करना हो तो आपको इसी दिशा में करना चाहिए । आप चाहे तो नॉर्थ या ईस्ट दिशा में भी मंदिर का निर्माण कर सकते हैं लेकिन वास्तु शास्त्र अनुसार मंदिर का निर्माण कभी दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए । ऐसा करने से घर का वातावरण नकारात्मक ऊर्जा से खराब हो सकता है और आपको पारिवारिक रिश्तो में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है ।
वास्तु शास्त्र अनुसार मंदिर में तस्वीर यह मूर्तियां कैसे रखें God Idol Placement as per Vastu Shastra :
वास्तु शास्त्र अनुसार मंदिर में तस्वीर या मूर्तियां मंदिर की दीवारों पर चिपका के नहीं रखनी चाहिए और उनके बीच कम से कम 2 इंच का फासला होना चाहिए । इसी के साथ खंडित मूर्तियां या टूटी हुई भगवान की फ्रेम घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए । साथ ही भगवान की मूर्तियां या तस्वीर एक दूसरे के सामने नहीं रखनी चाहिए । ऐसा होने से घर में क्लेश और इरशा बढ़ती है जिससे घर में तू तू मैं मैं या छोटी बातों पर बढ़े झगड़े हो सकते हैं ।
वास्तु शास्त्र अनुसार मंदिर का दरवाजा किस दिशा में होना चाहिए Temple Door as per Vastu Shastra :
दोस्तों मंदिर का दरवाजा वास्तु शास्त्र अनुसार मंदिर के बाहर की ओर खुलना चाहिए । ऐसा करने पर सकारात्मक ऊर्जा मंदिर से बाहर आएगी और आपके घर का वातावरण में शुद्धि बनाए रहेगी। मंदिर का दरवाजा उत्तर अथवा उत्तर पूर्वी दिशा में खुलना चाहिए । यह दिशाएं मंदिर के दरवाजे के लिए शुभ मानी गई है ।
वास्तु शास्त्र अनुसार भगवान के घर का रंग कैसा होना चाहिए Mandir ka Rang Kaisa Hona Chahiye ?
वास्तु शास्त्र मुताबिक मंदिर के घर का रंग ज्यादा ब्राइट या डार्क कलर बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए । ग्रे ब्लैक अतिरिक्त डार्क कलर का मंदिर होने से घर की खुशियों को नजर लग सकती है । घर में लोग एक दूसरे के साथ झगड़ सकते हैं । यह रंग आर्थिक नुकसान होने का भी संकेत देते हैं । घर के मंदिर के दीवारों का रंग लाइट कलर्स होना चाहिए । इसी के साथ यदि आप मंदिर बनवाते हैं तो मंदिर मार्बल का या फिर शाक के लकड़ी का बनाना चाहिए । ऐसा करने से मंदिर की शोभा बढ़ती है और घर में प्यार का शुद्ध भरा प्रभाव बढ़ता है ।
वास्तु शास्त्र अनुसार मंदिर में मूर्तियां रखना शुभ है या अशुभ Is it Best Practice to Keep God Idols in Temple as per Vastu ?
दोस्तों मंदिर में भगवान की किसी भी मूर्ति की स्थापना करना शुभ माना जाता है लेकिन आपको भगवान की मूर्तियों का ख्याल अच्छे से रखना होगा । रोजाना सुबह उठकर भगवान की मूर्तियों को नहलाना, रोज नए कपड़े पहनाना और उनकी अच्छे से पूजा अर्चना करना यह अनिवार्य हो जाता है । क्योंकि हिंदू धर्म अनुसार ऐसी मान्यता कि भगवान की मूर्ति की स्थापना करना भगवान स्वयं मूर्ति में समावेश हो जाते हैं । तो यदि आप उनकी पूजा-अर्चना समय पर नहीं करते हैं तो आप मुसीबत में पड़ सकते हैं । इसी के साथ मंदिर की मूर्तियां यह तस्वीरें बहुत बड़ी नहीं होनी चाहिए । साथ ही मंदिर में स्थापित करने वाली भगवान की मूर्ति या तस्वीरें किसी भी हालत में नहीं रखनी चाहिए और उन्हें अच्छे से मंदिर में जगह देनी चाहिए ।
वास्तु शास्त्र अनुसार मंदिर में पूजा करने की सामग्री कहां रखनी चाहिए Puja Unit as Per Vastu Shastra ?
दोस्तों वास्तु शास्त्र अनुसार घर के मंदिर में पूजा करने की सामग्री मंदिर में नहीं रखनी चाहिए । पूजा की सामग्री आपको अलग से बनानी चाहिए । आप छोटा सा शोकेस या फिर मंदिर के दाएं तरफ पूजा सामग्री के लिए छोटा यूनिट बना सकते हैं और वहां आप पूजा की सामग्री स्टार्ट कर सकते हैं । मंदिर में पूजा की सामग्री रखना आर्थिक परेशानी और बीमारी को न्योता देता है और इसी के चलते आपको पूजा सामग्री को मंदिर में नहीं रखना चाहिए ।
वास्तु शास्त्र अनुसार घर में भगवान का मंदिर स्थापना करने से पहले इन बातों का ख्याल हमेशा रखना चाहिए :
- मंदिर कभी जमीन पर नहीं रखना चाहिए । आपको जमीन से 3 से 4 फुट ऊपर भगवान के मंदिर की स्थापना करनी चाहिए ।
- मंदिर का दरवाजा उत्तर अथवा पूर्व दिशा में बाहर की और खोलना चाहिए ।
- यदि मंदिर रूम में या पूजा रूम में खिड़कियां है तो वह उत्तर या पूर्व दिशा में होनी चाहिए ।
- मंदिर का निर्माण बेडरूम मैं कभी नहीं करना चाहिए ।
- वास्तु शास्त्र अनुसार मंदिर से लगी हुई दीवार बाथरूम की या टॉयलेट की कतई नहीं होनी चाहिए ।
- मंदिर में जब आप भगवान को प्रसाद का भोग चढ़ाते हैं तो वह तांबे के बर्तन में करना चाहिए ।
- आप जब भी मंदिर रूम में पूजा करते हैं या भगवान को याद करते हैं तो जमीन पर नहीं बैठना चाहिए बल्कि जमीन पर कारपेट या मैं बिछाकर उस पर बैठकर अपने भगवान को याद करना चाहिए ।
- मंदिर कभी सीढ़ियों के नीचे या सीढ़ियों को लगके नहीं बनाना चाहिए ।
- इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि मंदिर में कभी मृतक व्यक्तियों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए ।
- क्योंकि मंदिर में शांति बनाए रखनी जरूरी है इसीलिए मंदिर वहां बनाएं जहां लोगों की आवाजाही कम हो और वहां का वातावरण शांत हो ।