नमस्ते दोस्तों आज हम कुछ अलग विषय में जानकारी लेने वाले हैं, वह जानकारी नवजात शिशु से जुड़ी हुई है | कई बार अक्सर ऐसे देखा जाता है, कि नवजात शिशु के वजन एक समान नहीं होता | कुछ बच्चों का वजन ज्यादा होता है, तो कुछ बच्चों का वजन कम होता है | नवजात शिशु का अंडर वेट होना कई बार धोखे दायक साबित हो सकता है | जैसे कि कई बार उनके कम वजन के वजह से उनकी लो इम्युनिटी हो सकती है | आज हम जानेंगे की नवजात शिशु का वजन कैसे बढ़ाए |
अक्सर नए पेरेंट्स को चिंता लगी रहती है कि उनका बच्चा स्वस्थ कैसे रहेगा | उसका वजन कैसे बढ़ेगा इसलिए वह तरह-तरह के उपाय करके देखते हैं | अगर सफलता ना आए तो निराश हो जाते हैं | अगर नवजात शिशु के वजन कम होने का कारण सही से हमें पता चल जाए तो उनका वजन बढ़ाने में आसानी होती है | चलो तो फिर आज देखते हैं नवजात शिशु का वजन कैसे बढ़ाया जाए इस बारे में जानकारी |
माता-पिता को अपने बच्चे का अच्छे से ग्रोथ चार्ट बनाना चाहिए, जिससे कि उनकी डाइट में क्या कमी है क्या नहीं यह भी समझ में आएगा | और उनके वजन कम होने का कारण भी अच्छे से ट्रैक हो सकता है | हालांकि यह बात सही है कि अगर नवजात शिशु का वजन उसके एज अनुसार अच्छे से ना बढ़ रहा हो तो यह चिंता की बात हो सकती है |
बच्चे का वजन उसकी उम्र के साथ किस परिमाण में बढ़ना चाहिए?
- नवजात बच्चे का वजन 1 से 3 महीने तक 170 से 210 ग्राम तक बढ़ना चाहिए |
- 5 से 6 महीने तक बच्चे का वजन उससे भी दुगना होना चाहिए |
- बच्चा जब तक 1 साल का होता है तब तक हर महीने उसका वजन 300 से 400 ग्राम बढ़ना चाहिए |
- जन्म के बाद नवजात शिशु का जो भी वजन हो उससे तीन गुना वजन उसका उसके 1 साल कंप्लीट होने तक बढ़ना चाहिए |
- जब बच्चा 3 साल का हो जाए तब उसका वजन 5 गुना तक बढ़ना चाहिए |
- जब बच्चा 7 या 8 साल का हो जाए तब उसका वजन उसके जन्म के वजन से सात से आठ गुना बढ़ना चाहिए |
- जब बच्चा 10 से 11 साल का हो जाए उसका वजन 10 से 11 गुना तक बैठना चाहिए |
नवजात शिशु का वजन कैसे बढ़ाए ?
नवजात शिशु का वजन बढ़ाने के बहुत से तरीके हैं लेकिन सही तरह तरीका आजमाना बहुत जरूरी है |
बच्चा जब तक 6 से 7 महीने का होता है तब तक उसका वजन बढ़ाने के लिए एक ही तरीका होता है, वह है मां का दूध सही तरह कैसे बच्चे को स्तनपान किया जाए तो उसका वजन अच्छे से बढ़ने लगता है | क्योंकि मां के दूध में रहने वाला पोषक घटक बच्चों को चुस्ती और फुर्ती देता है | ज्यादातर मां के दूध से बच्चों को पोषण जैसे परेशानियां नहीं होती | लेकिन अगर अच्छे से दूध नहीं दिया जाए तो बच्चों को प्रॉब्लम हो सकती है |
नवजात शिशु अच्छी तरह से पेट भर कर संतान करें तो उसको कम वजन होने की परेशानी नहीं होती | लेकिन अगर बच्चे को दूध पीने में दिक्कत आ रही है, तो उसके बदन पर भी परिणाम हो सकता है |
डॉक्टर की सलाह के अनुसार अगर बच्चे को 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध पिलाया जाए तो उसी से उसको सारे पोषक घटक मिलते हैं | 6 महीने तक बच्चों को दूसरा ऊपर का कोई भी गाना देना जरूरी नहीं माना जाता |
6 महीने बाद बच्चों को मां के दूध के साथ ऊपर का गाना भी दिया जा सकता है |
केले का सेवन :
केले में प्राकृतिक रूप से कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, विटामिन बी सिक्स, विटामिन सी जैसे पदार्थ होते हैं |
केला जल्द स्वरूप में जल्दी से पूर्ति देता है | जब भी आप बाहर जाए तो अपने साथ में एक या दो केले साथ में लेकर ही जाए | जब भी बच्चे को भूख लगे उसको थोड़ा-थोड़ा केला खिलाते रहे | लेकिन ध्यान में रखें बच्चा 6 महीने का होने के बाद ही आप उसे अकेला खेलने दे सकते हैं नहीं तो उसे सर्दी जुखाम हो सकता है |
केले के प्रोटीन बार जैसे प्रकार बना कर आप अपने बच्चे को तरह तरह से खिला सकते हैं |
देसी घी का सेवन :
बच्चे की उम्र 7 या 8 महीने तक हो जाए तो आप उसे देसी घी दे सकते हैं देसी घी के सेवन से बच्चों में फुर्ती आ जाए उनकी तबीयत अच्छी रहे |
देसी घी को वजन बढ़ाने का उत्तम सोर्स माना गया है. देसी घी के सेवन से बच्चों का दिमाग भी तेज होता है |
बच्चों को देसी घी खिचड़ी और रोटी पर लगाकर खिलाए |
मक्खन का सेवन :
मक्खन तो बच्चे बड़ा चाव से खाते हैं | मक्खन छोटे बच्चों को ज्यादा पसंद होता है | जिसकी वजह से उनकी ग्रोथ में भी बड़ा फायदा होता है |
आशा करते हैं ऊपर दी गई सारी जानकारी का आपको फायदा होगा और आपके बच्चे का वजन बढ़ाने में आपको मदद होगी | अगर आप का कोई सवाल हो या आप कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट जरूर करें |
धन्यवाद !