पीरियड साइकल मिस होने पर महिलाओ के सामने सबसे बड़ा सवाल होता है की कितने दिन बाद टेस्ट किया जाए।
प्रेगनेंसी टेस्ट जल्दबाजी में करने से कभी भी सही नतीजे नहीं मिलते हैं। अगर आप पहले ७ दिन के अंदर प्रेगनेंसी टेस्ट करते हो, तो आपको ज्यादातर प्रेगनेंसी टेस्ट में नेगेटिव रिजल्ट मिलता है। जो लगभग गलत होता है। जभी भी आप प्रेगनेंसी रखना चाहो, तो कम से कम ७ दिन के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करे या फिर अपने डॉक्टर से मुलाकात कर ले।
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पीरियड के बाद टेस्ट कब करें।
जब तक महिला के खून में HCG हॉर्मोन का स्राव शुरू नहीं होता है, तब तक साफ तौर पर प्रेग्नेंसी का पता नहीं लगा सकते है। HCG हॉर्मोन का स्राव शुरू खून में शुरू होने के लिए ६ से ७ दिन लगते है। पर बहोत ही कम महिलाओको इनसे ज्यादा या कम समय लगता है, ज्यादातर महिलाओं के शरीर को इतना ही समय लगता है। विशेषज्ञ यह भी बताते है की जब तक पीरियड रेग्युलर है तब तक प्रेगनेंसी जाँच करने की कोई जरुरत नहीं है। और ठीक अगले दिन आप जाँच करवा सकते है, जिस दिन आप का पीरियड साइकल मिस हो जाये।
गर्भावस्था के लक्षण:
कभी हिचकिचाहट के कारण और कई बार जानकारी की कमी की वजह से, गर्भवती महिलाएं कुछ चीजें साझा नहीं कर सकती हैं। प्रेगनेंसी के दौरान, महिलाओं को शारीरि को, भावनात्मक और मानसिक परिवर्तनों से गुजरना पड़ता है। पहली बार, जो महिलाएं एक मां बन जाती हैं, वे भी इस अनुभव के बारे में चिंतित होती हैं, साथ ही इस समय के दौरान शरीर में बदलावों के बारे में चिंता करती हैं। गर्भवती महिलाओं के साथ, उनके गर्भावस्था के समय पूरे परिवार के लिए बहुत खास है। ऐसी स्थिति में, महिलाओं को गर्भावस्था के लिए पहला ध्यान दिया जाता है। तो आइए जानते हैं कि गर्भावस्था के लक्षण क्या होते हैं।
अधिक नींद और थकावट:
हार्मोनल परिवर्तनों के कारण, गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में थकान और नींद की शिकायते होती है। जब प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ता है, तो शरीर सोने लगता है। इतना ही नहीं, लेकिन थकान भी अत्यधिक प्रतीत होता है। यह थकावट और अधिक नींद पहले ३ महीनों में हो सकता है।
बढ़ते शरीर का तापमान:
यदि मासिक धर्म नहीं आया है और शरीर का तापमान बहुत अधिक हो रहा है, तो गर्भावस्था के लक्षण हो सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर का तापमान पूर्ण गर्भावस्था में सामान्य से अधिक रहता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान बहुत सारे प्रोजेस्टेरोन होते हैं, जो शरीर के तापमान को बढ़ाते है।
ऐंठन:
ऐंठन गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक माना जाता है। यदि लम्बे अवधि तक आपके पेट के पास और अन्य हिस्सों में भी ऐंठन होती है। तोह यह प्रेगनेंसी का एक मुख्य प्रतीत है।
पेट की समस्या:
अगर आप पहले भी गर्भवती रह चुकी है तो आपको मालूम ही होगा कि प्रेगनेंसी के प्रारंभिक लक्षणों में से एक होता है पेट की समस्या। इसके अलावा, आपको कब्ज के साथ भी समस्या हो सकती है। क्योंकि हार्मोन, भोजन के पाचन तंत्र के माध्यम से धीरे-धीरे गुजरने का कारण बनता है। यदि आपको आपके पीरियड्स के पहले कब्ज की समस्या महसूस होती है, तो यह भी है कि लक्षण है जिससे आप पता कर सकती है कि आप गर्भवती ही है
ब्रेस्ट में सूजन:
गर्भावस्था के दौरान हार्मोन परिवर्तन की वजह से शरीर के कहीं अंगों पर परिणाम होता है। स्तन पर इस का खास असर देखने मिलता है। यह आपके स्तन में खिचाव और सूजन का कारन बन सकता है। साथहिमे आपके स्तन के आकर में भी परिवर्तन होता है और स्तन भारी हो जाते है।
प्रेगनेंसी टेस्ट काम कैसे करता है?
प्रेगनेंट होने के लिए सिर्फ एक ही स्पर्म काफी होता है, उसे यकीनन रोकने वाले घर पर निरोधक तरीके भी कुछ मामलों में असफल हो जाते हैं। सुरक्षित या फिर असुरक्षित, किसी भी प्रकार का सेक्स करने के बाद अगर पीरियड मिस हो जाये तो आपको एक प्रेगनेंसी टेस्ट करना तो जरुरी है।
आपके घरके नजदीक वाले किसी भी केमिस्ट्स है आप को एक प्रेगनेंसी टेस्ट किट मिल जाएगा। प्रेगनेंसी टेस्ट किट (ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन – HCG) हार्मोन के रक्त में होने या ना होने की पुष्टि करता है। प्रेग्नेंट होने पर HCG हार्मोन यूरीन में मौजूद होता है। HCG सिर्फ एक फर्टिलाइज एग यूट्राइन से जुड़ने पर ही निर्मित होता है।
पिछले २ से ३ दशकोसे प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए आपको घर से बहार जाने की भी जरुरत नहीं पड़ती है। प्रेगनेंसी टेस्ट किट आज पूरी दुनिया में लगभग किसी भी केमिस्ट के दुकान पर मिल जाती है। प्रेगनेंसी टेस्ट किट के कई सरे प्रकार आते है। और इसी तरह प्रेगनेंसी टेस्ट के प्रकार भी विभिन्न होते है। आप जिस भी प्रकार के प्रेगनेंसी टेस्ट किट को घर पर ले कर आएंगे, आपको उस किट के प्रकार को उपयोग करना होगा।
कब करना चाहिए प्रेगनेंसी टेस्ट?
अगर आपको मासिक धर्म में होने वाली पेट की ऐंठन (stomach cramps) हो या आपका पीरियड मिस हो जाये तो आपको जरूर प्रेगनेंसी टेस्ट कर लेना चाहिए। गर्भवस्था के शुरुआती दौर में महिला के शरीर में प्रोजेस्ट्रोन की मात्रा बढ़ने लगती है, जिस कारण उसे थकावट महसूस हो सकती है। गर्भवस्था में भी मासिक धर्म जैसे पेट की ऐंठन महसूस हो सकती है। गर्भवस्था में प्रोजेस्ट्रोन, एस्ट्रोजन और प्रेगनेंसी हार्मोंस ज्यादा बनने की वजह से ब्रेस्ट में भी दर्द महसूस होता है। ब्रेस्ट में दर्द, पेट की ऐंठन, किसी विषिस्ट खाने से एलर्जी, बार बार पेशाब आना या फिर काफी सारि थकान होना यह सरे लक्षण आप प्रेग्नेंट होने की सम्भावना जताते है। इसलिए आपको जल्द से जल्द एक प्रेगनेंसी टेस्ट अवश्य करवा लेनी चाहिए।